क्या धर्म का मार्ग हमारी भौतिक स्थिति सुधारने के लिए होता है ?
इस श्लोक में प्रह्रादं ग्राहयाम् आस पद महत्त्वपूर्ण है। ग्राहयाम् आस का शाब्दिक अर्थ होगा कि उन्होंने प्रह्लाद महाराज को धर्म, अर्थ तथा काम के मार्गों को स्वीकार कराने की चेष्टा की। सामान्यतया लोग इन्हीं तीनों में बँधे रहते हैं, उन्हें मुक्ति मार्ग में कोई रुचि नहीं रहती। प्रह्लाद महाराज काContinue Reading