भारत का अध्यात्मिक पतन !!!
1000 वर्षों की साजिश जो वैदिक संस्कृति को तोड़ने के लिए चल रही है।Continue Reading
1000 वर्षों की साजिश जो वैदिक संस्कृति को तोड़ने के लिए चल रही है।Continue Reading
कोरोना महामारी के बीच, एक छोटे वायरस ने साबित कर दिया है कि हमारी तथाकथित वैज्ञानिक उन्नति सिर्फ एक और धोखा है। आधुनिक समाज की शिक्षा और सूचना प्रणाली ने भौतिकतावाद को एक और घेरा बनाने में योगदान दिया, उपभोक्तावाद से एक संतुष्ट समाज हो सकता है। आज मुझे सोशलContinue Reading
इस्कॉन के संस्थापकाचार्य श्रील प्रभुपाद कहते हैं कि, ”अगर आप धोखा खाना चाहते हो तो आपको ठगी और धोखा देने वाले मिल जायेंगे|” आजकल हम समाज में ऐसे ही ठग और धोखे बाज़ लोगों को देख रहे हैं| जो शास्त्रों को अपने मनगढ़ंत तरीके से पेश करते हैं| कुछ समयContinue Reading
आजकल हम इस प्रगत समाज में देख रहें हैं की लोगों के अन्दर तनाव, चिंता, दुःख आदि बहुत बढ़ रहें हैं| जिसके कारण सामान्य लोगों के अन्दर आत्महत्या, अपराध जैसी भावनाएं बढती हैं और कुछ लोग इस तनाव को न सहने के कारण फंदा लगाकर लटक जाते हैं, ऊंची बिल्डिंगContinue Reading
आजकल हर व्यक्ति विशेष तथाकथित ढोंगी कथाकार संत अपने प्रवचन में भगवान के बारे में खुलकर अभद्र टिपण्णी कर रहे हैं| जब ऐसे धर्म के ठेकेदार ही सनातन धर्म का मज़ाक उड़ाने लगें तो उनसे क्या अपेक्षा की जाए जो दुसरे धर्मों या पंथ के अनुयायी हों| जिन लोगों कीContinue Reading
आज अमेरिका की सडकों में लाखों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं| एक अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड नामक व्यक्ति की अमेरिकन पुलिस ऑफिसर्स द्वारा हत्या कर दी गयी| इसका कारण जातिवाद बताया गया- गोरे काले में भेद, अमेरिकन-अफ्रीकन में भेद, और यहाँ तक भारत में भी गोरे काले का भेद चला था|Continue Reading
मनोरंजन से आप क्या समझते हैं ? थोड़ा सोच समझकर विचार कीजिये ! आज हर व्यक्ति गधों जैसे दिन-रात परिश्रम कर रहा है| हालांकि, सब जानते हैं, कि लोग 60-70 की आयु तक मृत्यु को गले लगा लेते हैं| इतने कम समय में भी मनोरंजन आज हम सब के जीवनContinue Reading
आज पूरे विश्व में लोग कोरोना वायरस की महामारी से अत्यंत दुखी तथा भयभीत हैं। अन्य अन्य देशों की सरकार इस महामारी से बचने के लिए अथक प्रयास कर रही है। परन्तु फिर भी यह प्रयास असफल प्रतीत होता दिखाई दे रहा है। जो व्यक्ति भारत भूमि को छोड़कर बहुतContinue Reading
आज के सभ्य समाज की पीढ़ी अपने से पहले की पीढ़ी को कम समझदार, असभ्य एवं गँवार समझती है। जिसके कारण आधुनिक तथाकथित सभ्य पीढ़ी अपनी परम्परा व संस्कृति को ठुकरा कर पढ़ाई से लेकर नौकरी तक महानगरों से लेकर विदेशों में भी जाने के लिए तैयार हैं। जिसके कारणContinue Reading