पूर्व लेख में हमने देखा की केवल वेदपाठ करना पर्याप्त नहीं है, उसके अर्थ को जानने से ही पूर्ण लाभ प्राप्त होता है। षड वेदांग और पूर्वमीमांसा की मदद से उसके याज्ञिक अर्थ को जान सकते है।  फिर हमने जाना कि वेदमंत्रों के तीन प्रकार के अर्थ – याज्ञिक, ऐतिहासिक औरContinue Reading

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ऋग्वेद मानव सभ्यता के प्राचीनतम ग्रन्थ के रूप में प्रसिद्ध है । यहाँ पर काव्य, तत्वज्ञान, इतिहास, संस्कृति इत्यादि का समन्वय है । जनसामान्य के लिए वेदमंत्रों का अर्थ दुर्बोध रहा है । इसके संबंध में कई प्रश्न भी उठते है। प्रश्न : क्या वेद मंत्रो का अर्थ जानना आवश्यकContinue Reading

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इस लेख श्रृंखला को प्रस्तुत करने का उद्देश्य है वेदों से जुड़े अनेकों प्रश्नों का उत्तर देना एवं समाज में फैली भ्रांत धारणाओं का निवारण करना । ऋग्वेद मानव सभ्यता के प्राचीनतम ग्रन्थ के रूप में प्रसिद्ध है । यहाँ पर काव्य, तत्वज्ञान, इतिहास, संस्कृति इत्यादि का समन्वय है । जनसामान्यContinue Reading

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