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क्या धर्म का मार्ग हमारी भौतिक स्थिति सुधारने के लिए होता है ?

इस श्लोक में प्रह्रादं ग्राहयाम् आस पद महत्त्वपूर्ण है। ग्राहयाम् आस का शाब्दिक अर्थ होगा कि उन्होंने प्रह्लाद महाराज को…

4 वर्ष ago

भगवद्गीता भौतिक रीति से तालमेल बैठाने का साधन नहीं है ।

श्रीप्रह्राद उवाच मतिर्न कृष्णे परत: स्वतो वा मिथोऽभिपद्येत गृहव्रतानाम् । अदान्तगोभिर्विशतां तमिस्रं पुन: पुनश्चर्वितचर्वणानाम् ॥ प्रह्लाद महाराज ने उत्तर दिया:…

4 वर्ष ago

नेता के पास आध्यात्मिक क्षमता होनी चाहिए

जैसा कि ईशोपनिषद में कहा गया है : ईशावास्यमिदँ सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्। तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥१॥  …

4 वर्ष ago