इस प्रवचन में श्रीमान राधेश्याम प्रभु ने अनेक विषयों पर चर्चा की है उनमे से मुख्य अंग निचे दिए गए हैं :
– माता यशोदा और माता रोहिणी के संग लीलाएं
– फलों वाली के संग लीला
– उपनन्द और नन्द के बीच वार्तालाप
– बृहदवन से वृन्दावन जाने की लीला
– भक्ति में आगे बढ़ते समय हमे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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