आजकल हम इस प्रगत समाज में देख रहें हैं की लोगों के अन्दर तनाव, चिंता, दुःख आदि बहुत बढ़ रहें हैं| जिसके कारण सामान्य लोगों के अन्दर आत्महत्या, अपराध जैसी भावनाएं बढती हैं और कुछ लोग इस तनाव को न सहने के कारण फंदा लगाकर लटक जाते हैं, ऊंची बिल्डिंग से कूद जाते हैं या फिर चलती ट्रेन के आगे आ जाते हैं| यह अब रोजमर्रा की तरह सामान्य घटना बन चुकी है| हर उम्र हर पड़ाव के लोग यह कदम उठाने से पीछे नहीं हटते हैं| परन्तु,
1.) लोग ऐसा कदम क्यूँ उठाते हैं ?
2.) इसका मूल कारण क्या है ?
3.) क्या आत्महत्या करने से उनको चिंता और परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है ?
4.) क्या वैदिक दृष्टिकोण से इसका कोई हल है ?
यह सब जानने के लिए जरुर देखिये, श्रीमान अभिमन्यु दास जी का विडियो| जिसमें वे बड़ी संक्षिप्त तरीके से इन विषयों के बारे में बताते हैं|
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