Jagran Hindi News :- Publish Date:Mon, 27 Jan 2020 06:42 PM (IST)

खूंटी : हमारे देश के संविधान के अनेकों संशोधन अपूर्णता को दर्शाते हैं, जबकि भगवत गीता में अभी तक एक भी संशोधन नहीं हुआ है, क्योंकि इसे परम पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है। इसे किसी व्यक्ति विशेष ने नहीं लिखा है। भगवान की वाणी हर एक स्थिति में हर एक जीवात्माओं के लिए सही तरीके से लागू होती है यह एक आपुरुषय संविधान ग्रंथ है, जो एक देश नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए लागू होता है। अगर वास्तव में हम भारत के संविधान का पालन करना चाहते हैं तो पहले भगवान के संविधान (भगवद गीता) को ग्रहण करना पड़ेगा। यह बात इस्कॉन कृष्ण भक्त शुकामृत दास …. (पूरा लेख पढ़ने क लिए यहां क्लिक करें )

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